Wednesday, November 21, 2012

अनबूझा संसार



निस्तब्ध हूँ
निश्चल हूँ
कोई पीड़ा नहीं
कोई वेदना नहीं
ना खुश हूँ
ना दुखी हूँ
भावना रहित हूँ
कोई दोस्त नहीं
कोई दुश्मन नहीं
कोई अपना नहीं
कोई पराया नहीं
कोई सोच नहीं
कोई इच्छा नहीं
कष्टों से मुक्त हूँ
धरती से दूर
एक अनबूझे
संसार में हूँ 
मैं मृत हूँ
853-37-21-11-2012
जीवन ,ज़िन्दगी ,अनबूझा संसार,मृत्यु,मृत,मौत


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