Friday, November 23, 2012

जात पांत धर्म की राजनीति में देश कुरुक्षेत्र बन गया



जात पांत धर्म की
राजनीति में
देश कुरुक्षेत्र बन गया
प्यार और भाईचारा
रक्त रंजित हो गया
हर दिन का इतिहास
खून से लिखा जा रहा
भाई भाई की जान ले रहा
अपना पराया हो गया
दिलों में अन्धकार
घर कर गया
कब जलेगा प्यार
भाईचारे का दीपक
कब बुझेगी दिलों में
नफरत की आग
कब इंसानियत
बन जायेगी जात
प्यार बनेगा धर्म
कब कुरुक्षेत्र  में
रक्तपात ख़त्म होगा
इंतज़ार में हर
समझदार इश्वर से
प्रार्थना कर रहा
864-48-23-11-2012
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