Tuesday, November 20, 2012

क्या पा लिया तुमने



क्या पा लिया तुमने
ज़िन्दगी भर ईमान की
उसूल की बातें करी तुमने
हर शख्श को
नाराज़ किया तुमने
दिल का चैन
मन का सुकून खोया तुमने
रिश्तों को तोड़ा
मन को दुखी किया तुमने
अपनों को
पराया किया तुमने
क्या मिला तुमको
सिर्फ नफरत ने
साथ दिया तुम्हारा
बेचैनी से
रिश्ता बनाया तुमने
अब भी वक़्त है
ज़माने के साथ चलो
मन में खार
दिखाने को प्यार रखो
ऊपर से नर्म दिखो
अन्दर से पत्थर हो जाओ 
या फिर चुपचाप
ज़ख्म खाते जाओ
ना शिकवा करो
ना शिकायत करो 
जुबां को लगाम दो
खुदा से दुआ करो
जो भी जैसा भी है
बर्दाश्त करो
घुट घुट कर मरते रहो
दुनिया से चले जाओ 
847-31-20-11-2012
ज़िन्दगी , ईमान ,उसूल, सुकून ,रिश्तों ,मन 

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