Friday, November 16, 2012

सोना चाह रहा हूँ पर सो नहीं पा रहा हूँ



सोना चाह रहा हूँ
पर सो नहीं पा रहा हूँ
सोऊँ भी कैसे
मन परेशान हो तो
नींद भी कहाँ आती है
नींद भी मज़े ले रही है
कहती है
मन को खुश करो तो आऊँ
दुखी मन में आ कर भी
क्या करूँ
तुम तो दुखी हो
मुझे भी दुखी करोगे
मैं दरवाज़े पर खडी
इंतज़ार कर रही हूँ
जब थक जाओगे
तो बिना बुलाये ही
आ जाऊंगी
846-30-16-11-2012
नींद,निद्रा,खुशी,चैन,बेचैनी

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