Sunday, November 11, 2012

गम अब सहारा बन गए हैं



गम अब
सहारा बन गए हैं
झूठी उम्मीदों से
बचा रहे हैं
ख़्वाबों की दुनिया से
दूर ले जा रहे हैं
दिल के
बहम मिटा रहे हैं
ज़िन्दगी की
हकीकत समझा रहे हैं
तकलीफ की जगह
सुकून दे रहे हैं
840-24-11-11-2012
गम,सुकून,शायरी,उम्मीदों

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