Friday, November 16, 2012

मेरे देश की मिट्टी में बसी है शहीदों के बलिदान की सुगंध



मेरे देश की मिट्टी में
बसी है
शहीदों के बलिदान की
सुगंध
वीरांगनाओं की
चिता की गर्मी
मेरे देश की हवा में
गूंजती है
संतों,महापुरुषों की
अमर वाणी
त्याग बलिदान की
अमिट कहानी
मेरी देश की
नदियों में बहती है
प्यार भाई चारे की धारा
मेरे देश की
संस्कृति में घुली है
सत्य अहिंसा
मान मर्यादा
मेरे देश की मिट्टी को
दूषित मत करो
मेरे देश की हवाओं को
प्रदूषित मत करो
देश के लिए जान
न्योछावर करने वालों की
आत्माओं को
व्यथित मत करो
मेरे देश की धरती को
माँ कहते हो
समय आ गया है
पानी सर से गुजर गया है
अब देश को
भ्रष्टाचार मुक्त कर दो
भ्रष्टाचारियों को सजा दे दो
देश के दुश्मनों का
सफाया कर दो
धरती माँ की लाज रख लो
845-29-16-11-2012 
भारत,देश,देश भक्ति,शहीद,राष्ट्र,भ्रष्टाचार,

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