Sunday, November 11, 2012

दूर कहीं



दूर कहीं
एक टिमटिमाती सी 
रोशनी नज़र आती है
मन में आशाओं का
संचार करती है
जीवन से अन्धेरा
मिटायेगी
चेहरे पर खुशी
होठों पर मुस्कान लायेगी
मुझे निराशा से मुक्ती
दिलायेगी
आशाओं का पुलिंदा लेकर
रोशनी की तरफ
 बढ़ जाता हूँ
करीब पहुंचता हूँ
तो पाता हूँ
एक अबला मृत प्राय
पती के पास फूस की
झोंपड़ी में बैठी
सहायता की प्रतीक्षा में
आसूं बहा रही है
उसे दिलासा देता हूँ
उसकी सेवा में जुट
जाता हूँ
836-20-11-11-2012
आशा,आशाएं,जीवन, निराशा

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