Sunday, November 11, 2012

तुम सुनते रहो मैं कहता रहूँगा



तुम सुनते रहो
मैं कहता रहूँगा
हाल-ऐ-दिल बयान
करता रहूँगा
जब थक जाओगे
मेरे फसानों को
सुनते सुनते
चुप हो जाओगे
मैं भी चुप हो जाऊंगा
सब्र से
दर्द सुनने वालों की
तलाश में लगा रहूँगा
842-26-11-11-2012
शायरी, हाल-ऐ-दिल,बयान ,दर्द,गम

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