Tuesday, November 20, 2012

त्योंहार बहुत मना लिए



त्योंहार
बहुत मना लिए
दीपक बहुत जला लिए
पटाखे भी चला लिए
घर सजा दिए
पकवान खा लिए
बहुत हँस लिए
बहुत गा लिए
मन का दीपक 
कब जलाओगे
ह्रदय से कब
मुस्काराओगे
भाईचारे से कब जियोगे
ईमान को जीने का
पैमाना कब बनाओगे
क्या सोचा कभी ?
या झूठ की
दुनिया में जिए जाओगे
आत्मा परमात्मा को
धोखा देते जाओगे
उसके दरबार में सज़ा
पाओगे
849-33-20-11-2012
त्योंहार,दीपावली,ईमान .भाईचारा,जीवन

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