Tuesday, November 20, 2012

ये चेहरा सफ़ेद नहीं है


ये चेहरा सफ़ेद नहीं है
दिलों में नफरत को
पनपते देख कर
खून सूख गया है
हवा के झोंकों में भी
अहम् भर गया है
ईमान को
पूजने वालों का जीना
दुश्वार हो गया है
हँसना मुस्काराना
मुश्किल हो गया है
जहन में फरेब का
डर बैठ गया है
ये चेहरा सफ़ेद नहीं है
खौफ से
सफ़ेद हो गया है 
851-35-20-11-2012
ईमान ,फरेब , जीवन ,ज़िन्दगी

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