Friday, November 23, 2012

क्यूं दिल की परवाह करूँ



क्यूं दिल की
परवाह करूँ
दिल तो
बना ही टूटने के लिए
कभी अपनों से
कभी परायों से
कोई तोड़े नहीं तो
कभी खुद अपने हाथों से
खुद ही मार लेगा
कुल्हाड़ी अपने पैरों पर
लग जाएगा
किसी के दिल से
858-42-23-11-2012
दिल

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