बदनाम करते हैं
हर वक़्त कोसते हैं
हम खुश हैं
रुसवायीं के बाद भी
उनके जहन में रहते हैं
किसी बहाने से सही
याद तो करते हैं
निरंतर
दिल-ओ-दिमाग में
छाये रहते हैं
जितना दूर करते हैं
हमें उतना नज़दीक
पाते हैं
हम तो अब भी उन्हें
चाहते हैं
नफरत में भी
मोहब्बत ढूंढते हैं
08-08-2011
1320-42-08-11
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