निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
कुछ रिश्ते कभी न टूटते
दिल की डोर से बंधे रहते
मन के कोने में छुपे रहते
दिमाग में कुलबुलाते रहते
जिनसे रिश्ते वो चले जाते
वक़्त की कब्र में दफ़न होते
फिर भी यादों को निरंतर
झंझोड़ते रहते
चैन से ना रहने देते
16-08-2011
1369-91-08-11
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