भटक रहा था
चलते चलते थक
गया था
हार कर बैठ गया
सपनों की दुनिया में
खो गया
अचानक ठंडी हवा का
झोंका आया
माहौल को महकाया
मुझे नींद से जगाया
नज़र उठायी
वो सामने खडा था
मुस्करा कर आगे
चल दिया
मुझे तरोताजा
कर गया
अब भी कभी कभी
नज़र आ जाता है
देख कर मुस्कराता है
निरंतर कोई साथ है
अहसास दिलाता है
सुकून की तलाश को
मुकाम देता है
08-08-2011
1321-42-08-11
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