बदली
बदली तो मेरी
बदली तो मेरी
किस्मत बदली
सुनहरी धूप
अब मंद पड़ गयी
चमक उसकी
जाने कहाँ खो गयी
उम्र अब ढलने लगी
जीवन की सांझ
आ गयी
डगर कम रह गयी
जीने की इच्छा कम
ना हुयी
रात के इंतज़ार में
निरंतर उदिग्नता
बढ़ गयी
सुनहरी धूप
अब मंद पड़ गयी
चमक उसकी
जाने कहाँ खो गयी
उम्र अब ढलने लगी
जीवन की सांझ
आ गयी
डगर कम रह गयी
जीने की इच्छा कम
ना हुयी
रात के इंतज़ार में
निरंतर उदिग्नता
बढ़ गयी
21-08-2011
1391-113-08-11
1391-113-08-11
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