निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
आज किसी ने
याद किया
जन्म दिन पर एक
फूल भिजवा दिया
खुदा से इबादत का
सिला मिल गया
मुरझाये पेड़ को
पानी मिल गया
निरंतर बेबसी को
सहारा मिल गया
फिर मुस्कारने का
बहाना मिल गया
जीने का मकसद
मिल गया
16-08-2011
1364-86-08-11
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