Wednesday, August 17, 2011

उनकी ख़ूबसूरती दिल को छूती

उनकी

ख़ूबसूरती

दिल को छूती

चुनिन्दा लफ्जों की

ग़ज़ल लगती
हर पंक्ती

दिल को छूती
मन करता कुछ
पंक्तियाँ चुरा लूं
कुछ लफ्ज

मेरे मिला दूँ
एक नयी

ग़ज़ल बना लूँ
उस ग़ज़ल को मेरी

कह दूँ
निरंतर गाता

रहूँ

17-08-2011

1372-94-08-11

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