निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
उनकी
ख़ूबसूरती
दिल को छूती
चुनिन्दा लफ्जों की
ग़ज़ल लगती हर पंक्ती
दिल को छूती मन करता कुछ पंक्तियाँ चुरा लूं कुछ लफ्ज
मेरे मिला दूँ एक नयी
ग़ज़ल बना लूँ उस ग़ज़ल को मेरी
कह दूँ निरंतर गाता
रहूँ
17-08-2011
1372-94-08-11
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