निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
वो कैसे होंगे?
अच्छे ही होंगे
क्या याद करते होंगे ?
ज़रूर करते होंगे
निरंतर खुद से सवाल
करता हूँ
जवाब भी खुद ही
देता हूँ
खुद को खुश रखने की
भरपूर कोशिश
अपना यकीन कायम
रखता हूँ
07-08-2011
1311-33-08-11
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