निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
निरंतर इंतज़ार के बाद उनका पैगाम आया सुबह मिलने का वक़्त तय हुआ रात भर उम्मीद में जागता रहा सुबह मिलने का वक़्त आया नींद के आगोश में खो चुका था नींद खुली बहुत देर हो चुकी थी उन्होंने किसी और का हाथ थाम लिया था
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