निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
ऐ ज़िन्दगी इतना ना झंझोड़ जीने का मतलब भूल जाऊँ ज़िन्दगी को ग़मों का समंदर समझ लूँ हँसना भूल जाऊँ निरंतर रोता रहूँ अपना वजूद खो दूँ गुमनामी
में चला जाऊँ
17-08-2011
1375-97-08-11
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