Monday, August 29, 2011

जीवन सत्य जानने दो

तुम्हारे साथ चलूँ
जैसा कहो वैसा करूँ
जैसे तुम रोते रहे हो
वैसे मैं भी रोऊँ
मुझे अकेला छोड़ दो
अपने आप चलने दो
जीवन की चट्टानों से
टकराने दो 
ठोकर खा कर गिरने दो
अपने आप उठने दो
भँवर में फसने दो
तैर कर निकलने दो 
आत्मावलोकन करने दो
अपना रास्ता ढूँढने दो
निरंतर सहारा दे कर
निर्बल ना बनाओ
अपना
बल पहचानने दो
जीवन सत्य जानने दो
28-08-2011
1413-135-08-11

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