बड़े शौक से गुलदान लाया
रंग बिरंगा,महकता
फूल गुलदान में लगाया
रंग बिरंगा,महकता
फूल गुलदान में लगाया
बड़े अरमान से घर में
सजाया
गर्व से सब को दिखाया
खुद को
गर्व से सब को दिखाया
खुद को
खुशकिस्मत बताया
पता नहीं
क्यों किसी को ना भाया ?
गुलदान लोगों की
पता नहीं
क्यों किसी को ना भाया ?
गुलदान लोगों की
नज़रों में खटका
असर फूल पर पडा
रंग उसका बदरंग हुआ
महक से महरूम हुआ
फूल मुरझा गया
गुलदान सूना हुआ
निरंतर उसको देखता
लोगों की नज़रों से डरता
फिर फूल लगाऊँ?
खुदा से पूंछता?
31-03-03
असर फूल पर पडा
रंग उसका बदरंग हुआ
महक से महरूम हुआ
फूल मुरझा गया
गुलदान सूना हुआ
निरंतर उसको देखता
लोगों की नज़रों से डरता
फिर फूल लगाऊँ?
खुदा से पूंछता?
31-03-03
565—235-03-11
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