Monday, April 4, 2011

कौन सा अफ़साना अब सुनाएं ?


कौन सा
अफ़साना अब सुनाएँ ?
हर अफ़साने ने अश्क
बहाए
किरदार सारे खूबसूरत,
मुस्करा कर 
अदाओं से लुभाते
जाल में फसाते
मीठी बातों से 
मन की फितरत
छुपाते
दिल भर जाता तो
दिल से रुखसत करते
निरंतर रोने के लिए
छोड़ देते
04-04-2011
596—29 -04-11

1 comment:

Dr (Miss) Sharad Singh said...

मीठी बातों से
मन की फितरत
छुपाते
दिल भर जाता तो
दिल से रुखसत करते
निरंतर रोने के लिए
छोड़ देते ...


मनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। बधाई।