Thursday, August 4, 2011

अब तुम्ही बताओ, कैसे ठुकराएँ हम ?

बिन बुलाए

चले आते हो तुम

ख़्वाबों में ज़लज़ला

मचाते हो तुम

एक सुखद अहसास

दिलाते हो तुम

बार बार आमंत्रण

देते हो तुम

निरंतर मनुहार

करते हो तुम

हमें मजबूर करते

हो तुम

अब तुम्ही बताओ

कैसे ठुकराएँ हम ?

04-08-2011

1300-22-08-11

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