ऐ बहारों लौट कर
आ जाओ
चमन को फिर से
महका दो
वीराने को गुलों से
भर दो
मोहब्बत के रंगों से
सजा दो
निरंतर बह रही
नफरत की हवाओं का
रुख मोड़ दो
गीत भाईचारे के
सुना दो
दुश्मन को फिर से
दोस्त बना दो
जो बिछड़ गए
उन्हें
फिर से मिला दो
उदास चेहरों को
फिर से हँसा दो
02-08-2011
1290-12-08-11
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