निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
कभी मेहमान
बना कर बुलाया गया
गले से लगाया गया
जी भर के हंसाया गया
आज दुश्मन समझ
निकाला गया
जी भर कर रुलाया गया
धोखा खाता गया
बार बार दुत्कारा गया
निरंतर
तसव्वुर करता रहा
दिल लगाता रहा
उम्मीद में जीता रहा
05-08-2011
1305-27-08-11
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