Saturday, August 27, 2011

खवाबों में मिलता रहूँगा

जो तुम्हें देखने की
दुआ ना करे
जहन में तस्वीर
जिसकी बसायी
उस से मिलने की
ख्वाइश ना रखे 
सिर्फ तस्वीर देखी
तुम्हारी
रूबरू ना देखूं
ये अब मुमकिन नहीं
मिलने की कोशिश
निरंतर जारी रहेगी
रज़ा तुम्हारी चाहिए
ना मिलेगी जब तक
खवाबों में मिलता
रहूँगा
दुआ खुदा से करता
रहूँगा 

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