Sunday, August 21, 2011

ना मैं बदला ना मेरी फितरत बदली

बदली
बदली तो मेरी
किस्मत बदली
सुनहरी धूप
अब मंद पड़ गयी
चमक उसकी
जाने कहाँ खो गयी
उम्र अब ढलने लगी
जीवन की सांझ
आ गयी
डगर कम रह गयी
जीने की इच्छा कम
ना हुयी
रात के इंतज़ार में
निरंतर उदिग्नता
बढ़ गयी
21-08-2011
1391-113-08-11

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