निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
गुजरा वक़्त
एक महकता गुलशन
अनगिनत
सुन्दर फूलों से भरा
आँखों को आराम
दिल को सुकून देता
जी निरंतर चाहता
गुलशन में बैठा रहूँ
फूलों की महक ज़ज्ब
करता रहूँ
आज से दूर भाग जाऊं
बदले वक़्त की कडवी
हकीकत को भूल जाऊं
इसी तरह खुद को
खुश रखूँ 08-08-2011
1319-41-08-11
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