Tuesday, August 9, 2011

वो मिलते भी हैं ,मुस्काराते भी हैं

वो मिलते भी हैं

मुस्काराते भी हैं

निरंतर

लुभाते भी हैं

पर ये नहीं बताते

कब फिर मिलेंगे ?

कहाँ रहते हैं ?

क्या करते हैं ?

क्यूं

इंतज़ार कराते हैं ?

इस तरह सताते हैं

09-08-2011

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