Saturday, August 20, 2011

आज कल दिल वालों की कद्र कौन करता ?

निरंतर फ़ोन करते थे
घंटों बात करते थे
कई पन्नों के ख़त
लिखते थे
हर ख्याल साँझा
करते थे
हर दर्द बांटते थे
अब ख़त आने बंद
हो गए
मैं फ़ोन करता हूँ
किस्मत अच्छी हो
तो उठाते हैं
कैसे हो ?
क्षमा करना अभी
व्यस्त हूँ
बाद में बात करेंगे
कह कर टालते हैं
सुना है आज कल
किसी पैसे वाले के
साथ देखे जाते हैं
मुझे बुरा नहीं लगता
जानता हूँ
मुफलिसों का
साथ कौन देता ?
आज कल
दिल वालों की कद्र
कौन करता ?
20-08-2011
1386-108-08-11

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