निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
अब चुप ना रहो
कुछ तो कहो
हमें पता दिल तुम्हारा
तड़प रहा
मन बात करने को
कह रहा
निरंतर इंतज़ार ना करो
मन की सुनो
तड़प दिल की दूर करो
कह ना सको तो
इशारा ही कर दो
हम समझ जायेंगे
फासले खुद-बी-खुद
मिट जायेंगे
दूर होकर भी पास
आ जायेंगे
07-08-2011
1312-34-08-11
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