330—02-11
देने वालों ने बहुत दिया मुझे
पत्थरों से बचना सिखाया मुझे
जुबान के तीरों पर
मुस्कराना सिखाया मुझे
हँसते हँसते जीना सिखाया मुझे
बेवफाई का बदला
वफ़ा से देना सिखाया मुझे
गिर कर,उठना सिखाया मुझे
निरंतर तूफानों से लड़ना
सिखाया मुझे
कामयाबी के मुकाम पर
पहुंचाया मुझे
उनकी फितरत को सलाम
करता हूँ
जिन्होंने मंजिल तक
पहुंचाया मुझे
28-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर