292—02-11
गम नहीं अगर हमारे
ना हुए
जिसके भी हुए अगर
खुश हुए
तुम सुकून से हो
इत्मीनान हम को
ये भी क्या कम है की
अब भी याद करते हो
खुश गुमानियाँ बरकरार रहे
घर तुम्हारा आबाद रहे
वक़्त का क्या गुजर जाएगा
चाहने वाला चाहता रहेगा
निरंतर दिल में रखियेगा
तुम्हारी याद से ही
दिल बहल जाएगा
20-02-2011
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