आज उनसे बात हुयी
दिलों की दूरी कम हुयी
कुछ उनकी सुनी,
कुछ मैंने कही
गलतफहमी दूर हुयी
मुस्कान चेहरों पर आयी
दिलों को राहत हुयी
मुलाकात हो ना हो
याद तो किया करेंगे
इंतज़ार बात होने का करेंगे
हाले दिल बताएँगे
कभी हँसेंगे,कभी रोएँगे
निरंतर चाहत की आग
जलाए रखेंगे
23-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"अजमेर
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