247—01-11
यकीन
मोहब्बत से ना उठता
अगर आशिक को साहिल
मिलता
माशूक बेवफा ना होता
वादा अपना निभाता
ख़्वाबों में ना आता
निरंतर ना मिलता
बातें मोहब्बत की ना
करता
साथ जीने मरने की
कसमें ना खाता
कभी जुदा ना होता
गर हकीकत में मोहब्बत
करता
13-02-2011
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