कभी मेरा भी ख्याल
आता होगा
दिल तुम्हारा भी
रोता होगा
हर लम्हा याद आता
होगा
मन मिलने का करता
होगा
कोई तो ख्याल जहन में
होगा
जो तुम्हें रोकता होगा
दिल निरंतर तुम्हारा था
अब भी तुम्हारा है
अब बस खुदा का सहारा है
मोहब्बत के मारों का
इतना ही फ़साना होता
उन्हें तो हर हाल में
लुटना होता
जुदाई का गम दिल
लगाने वालों को सहना होता
रोते रोते वक़्त काटना होता
22-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
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