253—02-11
नया
ज़माना आया
प्रजातंत्र का
चौथा खम्बा तरक्की
कर रहा
हर शहर से अखबार
निकल रहा
निरंतर खबरें
ह्त्या बलात्कार की
छाप रहा
भ्रष्टाचार के तरीके को
गहनता से समझा रहा
मौत के मुहाने खड़े का
साक्षात्कार
मरने वालों के,
अपनों के अनुभव से
मुखातिब करा रहा
घटना का ज़र्रा ज़र्रा
बता रहा
जो जितनी बेबाकी से
लिख रहा
उतना उस का
प्रसारण बढ़ रहा
एक और शहर से
छपने का रास्ता
खुल रहा
14-02-2011
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