280—02-11
ज़िन्दगी में अजीब
रवानी
कभी रुलाती कभी
कभी रुलाती कभी
हंसाती
कभी ठहरती कभी
कभी ठहरती कभी
चलती
निरंतर रंग अपना
निरंतर रंग अपना
दिखाती
एक पल पाती,एक पल
एक पल पाती,एक पल
खोती
ना चुप रहती,ना रहने
देती
हर दिन नया अहसास
हर दिन नया अहसास
देती
नफरत किसी को
नफरत किसी को
मोहब्बत किसी को
किसी को जीने से पहले ही
हवा में उडाती
ज़िन्दगी लम्बी नहीं
ज़िन्दगी लम्बी नहीं
गहरी होनी चाहिए
मजबूरी में नहीं
मजबूरी में नहीं
खुशी में जीनी चाहिए
तोहफा
तोहफा
खुदा का इंसान को
जैसी भी मिली जीनी
जैसी भी मिली जीनी
चाहिए
19-02-2011
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