Tuesday, February 8, 2011

मैं इधर वो उधर,बीच में दरिया जुदाई का बहता

230--02-11


मैं
इधर वो उधर
बीच में दरिया
जुदाई का बहता
वो तड़प रहे ,
मैं तड़प रहा
दिल दोनों का रो रहा
उम्मीद दोनों कर रहे
नाव ऐसी मिल जाए
जो दरिया पार कराए
दूरियां मिट जाएँ,
किनारे दोनों मिल
जाएँ
नूर चेहरे का लौट
जाए
निरंतर साथ दुआ
करें
मंजर जुदाई का
किसी को ना
दिखाए
08-02-2011

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