319—02-11
इक धड़कन
सीने में छुपा रखी है
हसरत दिल की दबा रखी है
उम्मीदों की
हसरत दिल की दबा रखी है
उम्मीदों की
फेहरिश्त बना रखी है
ज़िन्दगी दाव पर लगा रखी है
कैसे मेरी चाहत की खबर
ज़िन्दगी दाव पर लगा रखी है
कैसे मेरी चाहत की खबर
उन्हें होगी
कब हाल -ऐ-दिल समझेंगी
रज़ा उनकी मिलेगी
निरंतर उठ रही लहेरें थमेंगी
आग इश्क की बुझेगी
या ख्यालों की
कब हाल -ऐ-दिल समझेंगी
रज़ा उनकी मिलेगी
निरंतर उठ रही लहेरें थमेंगी
आग इश्क की बुझेगी
या ख्यालों की
किश्ती चलती रहेगी
किनारे से दूर रहेगी
ज़िन्दगी अकेले कटेगी
किनारे से दूर रहेगी
ज़िन्दगी अकेले कटेगी
24-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
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