303—02-11
मुझे दिल से चाहते हैं आप
मुझे देख गुदगुदाते हैं आप
बात दिल की छुपाते हैं आप
मुझे देख मुस्कराते हैं आप
मुझे देख गुदगुदाते हैं आप
बात दिल की छुपाते हैं आप
मुझे देख मुस्कराते हैं आप
नज़रें मुझ से लड़ाते हैं आप
ख्वाब मेरे देखते हैं आप
ख्वाब मेरे देखते हैं आप
भोले भाले ना समझ हैं आप
ख्याली पुलाव पकाते हैं आप
खामखा भ्रम में रहते हैं आप
भ्रम अपना मिटा दें आप
दिल पर पत्थर रख लें आप
बड़े भाई जैसे लगते हैं आप
अब बहन मुझे मान लें आप
राखी मुझसे बन्धवा लें आप
ख्याली पुलाव पकाते हैं आप
खामखा भ्रम में रहते हैं आप
भ्रम अपना मिटा दें आप
दिल पर पत्थर रख लें आप
बड़े भाई जैसे लगते हैं आप
अब बहन मुझे मान लें आप
राखी मुझसे बन्धवा लें आप
निरंतर याद आते हैं आप
मुझे अच्छे लगते हैं आप
22-02-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
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