मेरे
देश का हाल
किस से छुपा
हर देश वासी को
सब पता
कैसे
चुनाव जीते जाते
नेता सरकार बनाते
चुनाव में टिकिट
मिलते
नेता वादे तोड़ते
ईमान बेचते
अपराधी बचते
गरीब रोते
भूख से मरते
वादों में फंसते
हर काम की रिश्वत
देते
फिर भी खुश हूँ
आशा में जिया हूँ,
निरंतर जी रहा हूँ
सब जानते हुए भी,
लाचार नहीं हूँ
फिर कोई सुभाष पैदा
होगा
कोई गांधी जन्म लेगा
जो देश के लिए लडेगा
देश के लिए मरेगा
हालात को बदलेगा
हर शख्श
मैं भारतीय हूँ,
गर्व से कहेगा
13-10-2010
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