Tuesday, February 8, 2011

शांती से क्रांती की शुरुआत हुयी,आग पूरे मिस्र में फैली

234—01-11

जवान मौतों से
अबला व्यथित हुयी
एक टीस मन में उठी
दिल की आवाज़ जुबाँ से
निकली
तहरीर चौक में
इकट्ठा होने की गुजारिश
करी
"
निरंतर"पीड़ित जनता ने
गौर से सुनी
शासक से लड़ने की
हुंकार भरी
शांती से क्रांती की
शुरुआत हुयी
आग पूरे मिस्र में फैली
कोशिश आवाज़ दबाने
की हुयी
लाठी गोली भी विचलित
ना कर सकी
हार शासक ने मानी
परिवर्तन की आंधी
दुनिया ने देखी
खुशबू सारे जगत
में फैली
एक नारी ने ज़ुल्म से
मुक्ती की नीव रखी
अपने विश्वाश पर
खरी उतरी
08-02-2011

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