कोई जाति पूछता है
कोई धर्म पूछता है
कोई उम्र तो
कोई धंधा पूछता है
पूछता है
कोई नहीं पूछता
मेरा ह्रदय कैसा है
मेरा ज्ञान कितना है
इमानदार हूँ
या बेईमान हूँ
जैसा दिखता हूँ
वैसा हूँ
या बाहर कुछ अन्दर
कुछ और हूँ
मन को अच्छा लगेगा
जब कोई ये प्रश्न करेगा
निरंतर तुम इंसान हो
या इंसान के रूप में
हैवान हो
957-76-15-12-2012
जाती,धर्म,जीवन,इंसान
,हैवान
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