हमने सर पर चढ़ाया
तुमको
गिरते से उठाया तुमको
तुम समझने लगे
तुम काबिल
हम नाकाबिल हो गए
खुद को हम से भी ऊपर
समझने लगे
गरूर इतना छा गया
ज़हन में
खुद को खुदा समझने लगे
भूल गए
जब भी उतरोगे ज़मीन
पर कभी
सहारे के लिए कंधा तो दूर
कोई झांकेगा भी नही
897-15-05-12-2012
काबिल,नाकाबिल,घमंड,गरूर
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