कौन है
जो नहीं जानता
खुद कितना इमानदार
कितना बेईमान है
फिर भी
दूसरों पर ऊंगली उठाता है
भूल जाता है
कब तक सच को छुपायेगा
चेहरे पर चेहरा लगाएगा
कोई तो उनकी
फितरत को जानता है
कभी उनका भी सच
बाहर आ जाएगा
929-47-12-12-2012
सच,झूठ,इमानदार,दोगलापन
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