मैं मिलना चाहता था
किसी इमानदार,शालीन
धैर्यवान,सहनशील,दयालू
निश्छल मन के
सर्वगुण संपन्न व्यक्ति से
बरसों ढूंढता रहा पर
कोई ना कोई अवगुण
हर इंसान में मिला
सोच में डूबा बगीचे में
बैठा हुआ था
ऐसा इंसान ढूंढता रहूँ या
खोज बंद कर दूं
मुझे घंटों सोच में डूबा देख
बगीचे के चौकीदार से
रहा ना गया
मुझसे परेशानी का
कारण पूछा
कारण बताने पर
चौकीदार ने उत्तर दिया
बाबूजी पढ़ा लिखा तो नहीं हूँ
पर इतना जानता हूँ
ऐसा इंसान ढूँढने की जगह
पहले खुद ऐसा बनने का
प्रयत्न करो
इसका आधा भी बन जाओगे
तो जीवन भर दुखी नहीं रहोगे
दूसरों को भी प्रेरित करोगे
953-72-15-12-2012
जीवन,सद्गुण,अवगुण,इंसान
,सर्वगुण संपन्न
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