जब तुम्हारी
याद सताती है
ज़ज्बातों की नदी
उफन कर
बहने लगती है
मन के पहाड़ों की बर्फ
पिघलने लगती है
हसरतों के रेगिस्तान में
आंधी चलने लगती है
आँखें नम होने लगती हैं
ज़िन्दगी
बोझ लगने लगती है
931-50-12-12-2012
शायरी,याद,यादें,हसरत,ज़ज्बात
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