Saturday, December 15, 2012

ज़िन्दगी मोहब्बत तो है,मगर मोहब्बत ही नहीं है



ज़िन्दगी मोहब्बत तो है
मगर मोहब्बत ही नहीं है
ज़िन्दगी हँसना,हँसाना भी है
भाईचारा,दया भी है
सांस लेना,पेट भरना भी है
खुद को ज़िंदा रखना
दूसरों के लिए जीना भी है
अगर मोहब्बत में
नाकाम हो भी गए
तो दूसरों को
मोहब्बत देते रहो
जो भी तय किया खुदा ने
तुम्हारे लिए
उसे ही उसकी इबादत
मान कर कबूल करते रहो
हँसते मुस्काराते जीते रहो
937-56-15-12-2012
ज़िन्दगी

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